What is internet - इंटरनेट किया है ओर इंटरनेट कैसे काम करता है ?

what is internet - इंटरनेट किया है ओर इंटरनेट कैसे काम करता है


What is internet


INTERNET किया है दोस्तों! आज के टाइम में INTERNET का हम सभी लोग इस्तमाल करते हैं। तभी हम सब एक दूसरे से जुड़कर आपस में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, INTERNET वज़ह से पूरी दुनिया एक दूसरे से जुडी हुई है। INTERNET के आने के बाद दुनिया जैसे छोटी हो गई है हम कभी भी किसी भी कोने में हमारे दोस्त या रिश्तेदार के साथ जुड़ सकते हैं आज अगर हम Facbook, WhatsApp, Messenger, Browser जैसे Apps या Google, Yahoo जेसे सर्च इंजिन का इस्तमाल कर पा रहे है तो सिर्फ INTERNET की ही वजह से क्योंकी INTERNET के बिना इनका कोई महत्वही नहीं है। 

इंटरनेट का आविष्कार कैसे हुआ ?

दोस्तों आप सोच रहे होंगे के INTERNET का आविष्कार किसी एक व्यक्ति ने किया होगा INTERNET का आविष्कार किसी एक व्यक्ति के हाथ में नहीं है इनके लिए कहीं सारी टीम ने मिलकर INTERNET का आविष्कार किया इनमे कई सरे साइंटिस्ट और इंजीनियर को मिलकर INTERNET को बनाने मदत करते हैं INTERNET का अविष्कार की सिर्फ एक ही वजह थी COLD WAR दोरान अमेरिका की सरकार एक ऐसी कार्य प्रणली बनाने की सोची जो अंडरग्राउंड्स Cables के द्वारा एक Computer को दुसरे Computer को जोडती हो जिसके चलते पुरे देस के सरकारी और इंपोर्टेड Computer को आसानी से कोई भी संदेशा पहुंचाया जा सके


उस NETWORK को बनाने केलिए PENTAGON के (ARPA) यानि Advanced Research Projects Agency को नियुक्त किया गया अमेरिकन रिसर्चर  (ARPA) और अमेरिकन सरकार ने मिलजुल कर एक ऎसा ही NETWORK का सर्जन किया जिसे सुरु आत में ARPANET कहा गया जो 1990 आते आते ARPANET की जगा INTERNET के नाम से जाना जाने लगा  

इंटरनेट काम कैसे करता है ?


दोस्तों देखा जाये तो ये काम थोड़ा पेचीदा हे लेकिन ये विद्युत ( Electricity) की गति से होता हे INTERNET को हम एक उदारण के द्वारा समझते हे मान लीजिये के आपने Google में मेरी वेबसाइट mtechhindi.com को कमांड टाइप किया तो ये कमांड सबसे पहले आपके लोकल सर्विस प्रोवाइडर यानि स्थनिक (ISP) (Internet service provider) तक पोहचेगा यहाँ से आपका कमांड शहर के राउटर Computer नेटवर्क तक पोहचेगा

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 इसके बाद आपकी फरमाइस को Google.com तक पोहचाया जायेगा उसके बाद Google उसके डाटा बेज मेसे mtechhindi.com नामकी Website डाटा निकलेगा और उस डाटा को रिवर्स पद्धति से आप तक पोहचाया जायेगा ये पूरी कार्य पद्धति लगभग प्रकाश की गति से होती हे इस लिए हम तक कोई भी डाटा कुछ ही सेकेन्ड में हम तक पोहच जाता हे INTERNET दुनिया में डाटा का आदान प्रदान 95 % अंडर सिक Fibers Optical Cables के द्वारा होता हे और सिर्फ 5 % ही सेटेलाइट के थरु होता हे 


इंटरनेट का मायाजाल कितना बड़ा है



दोस्तों हम जो INTERNET इस्तेमाल करते हैं इस INTERNET का मायाजाल इतना बड़ा है कि समुंदर में 8 लाख किलोमीटर से भी जियादा Fibers Optical Cables बिछे हुवे है और जमीं में लाखो किलोमीटर बिछे वोह अलग जिनमें से हर क्षण डाटा का वाहन होता है जिसे दुनिया के अरबो लोग अपने पसनल Computer से या पसनल Mobile से INTERNET के साथ जुड़े हुवे रहते हे Google के अनुसार उसके डाटा बेज में 1 हजार अरब सभी जियादा WEB पेहज है और हरोज उनकी संखिया बढ़ रही है और 

आज विश्व में प्रति मिनिट 5 लाख सभी जियादा WEB पेज बन रहे हे अगर आप पूछो के इंटरनेशनल लेवल पे INTERNET का कुल कितना डाटा जमा हुवा हे तो हकिगत ये हे के INTERNET के दिगज निष्णांत के पास भी इनका जवाब नहीं हे

दोस्तों इतने बड़े समुंदर में इतने सारे Cable जो लाखो किलोमीटर तक बिछे हुवे हैं तो वह Cable में डेमेज भी होता होगा अगर कोई जहाज निकलता है तो उनके लंगर से  Fibers Optical Cables में डेमेज होजाता है और उन Cables ठीक करने लिए कई सारी टीम भी रखी हुई होती है जो जल्दी से इन कटे हुए Cables को फिर से ठीक कर दे और ऐसे Cables समुंदर बिछाए जाते हैं जिनमें कम से कम नुकसान हो और जिया लागत हो 


WWW का आविष्कार किसने किया ?


अबतक WEBSITE या DOMAIN जेसी कोई चीज नहीं थी क्योके 1990 तक एक COMPUTER से दुसरे COMPUTER को LAN से जोड़ा जाता और अगर हमे कोई DATA चाहीये तो हमे पता होना चाही DATA किस COMPUTER में हे अगर हमे पता नहीं है

 के कोनसा DETA किस COMPUTER में हे तो हम उसे नहीं पा सकते इस तरीके से  ARPANET कम करता था लेकिन 1991 में Tim Berners – Lee नाम के वैज्ञानिक ने इस समस्या को हमेशा केलिये सुल्जा दिया जब उन्होंने WWW यानि के World Wide Web की खोज की कुछ ही समय में WWW International नेट बन गया और सारे DOMAIN इस नाम से Register होने लगे 

INTERNET मुफ्त है तो पैसे क्यों लिए जाते हैं ?


तो यहाँ पर सच ये हे के INTERNET का आविस्कर और उसकी फंक्शनैलिटी हमारे लिया फ्री हें लेकिन हम तक INTERNET पोहचा ने वाले दुनिया में 3 टाइप सर्वस होते हे जिन मेसे एक है टियर 1 टियर 2 और टियर 3 
  • टियर 1 वो कम्पनी या होती हे जिन्होंने ऑलरेडी सारे समुन्दर के अन्दर Fibers Optical Cable के Network को बिछादिया है  
  • टियर 2 वो कम्पनिया हे जो लोकल country वाइज जमीन के अन्दर Cable बिछाती है  
  • टियर 3 वो कम्पनिया यानि हमारे local service provider  
इस तरह INTERNET फ्री होनेके बावजूद भी इन Cable को बिच्छा नेका और इनका मेंटेनेंस का पैसा लगता हे जिसके रिटन में टियर 1 कम्पनी टियर 2 कम्पनी को डाटा बेचती हे और टियर 2 टियर 3 को और टियर 3 कम्पनी हम से पेसे लेती हे 

भारत में कब इन्टरनेट सुरु हुआ ?


इंटरनेट की शुरुआत भारत में सबसे पहले (vsnl) विदेश संचार निगम लिमिटेड कंपनी ने की थी। भारत में इन्टरनेट की शुरुआत 14 अगस्त 1995 हुई थी मगर इन्टरनेट की सेवाए 15 अगस्त के दिन ही शुरू हुई। धीरे धीर प्राइवेट कम्पनी यानि Airtel, Tata, Reliance, Sify, कम्पनी योने भी इसे सुरु कर दिया।

INTERNET के बारेमे हिंदी में 

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